MSME लोन गारंटी स्कीम का दायरा बढ़ा, ज्यादा बकाया कर्ज वाली कंपनियों को भी मिलेगा फायदा
स्कीम के दायरे में कारोबारी मकसद के लिए डॉक्टर, वकील और चार्टर्ड एकाउंटेंट (Doctors, Lawyers and Chartered Accountants) जैसे प्रोफेशनल्स को दिए गए पर्सनल लोन को भी शामिल किया गया है.
इस स्कीम की कुल लिमिट तीन लाख करोड़ रुपये है और स्कीम की वैलिडिटी अक्टूबर 2020 तक है. (IANS)
इस स्कीम की कुल लिमिट तीन लाख करोड़ रुपये है और स्कीम की वैलिडिटी अक्टूबर 2020 तक है. (IANS)
सरकार ने तीन लाख करोड़ रुपए की एमएसएमई (MSME) लोन गारंटी स्कीम (MSME loan guarantee scheme) के दायरे को और बढ़ा दिया है. नए फैसले के तहत अब 50 करोड़ रुपए तक के बकाया लोन वाली कंपनियों को भी इसके लिए पात्र बना दिया है. अब तक मैक्सिमम 25 करोड़ रुपये तक के बकाया लोन वाली इकाइयों या कंपनियों को ही नए कर्ज पर सरकारी गारंटी देने की योजना थी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, स्कीम के दायरे में कारोबारी मकसद के लिए डॉक्टर, वकील और चार्टर्ड एकाउंटेंट (Doctors, Lawyers and Chartered Accountants) जैसे प्रोफेशनल्स को दिए गए पर्सनल लोन को भी शामिल किया गया है.
इमरजेंसी लोन गारंटी स्कीम में (ECLGS) में बदलाव श्रमिक संगठनों की डिमांड और जून में कैबिनेट की तरफ से मंजूर की गई एमएसएमई की नई परिभाषा के आधार पर किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन बदलावों के बारे में 1 अगस्त को बताया कि ईसीएलजीएस (ECLGS) स्कीम में अब कारोबारी मकसद के लिए दिए गए पर्सनल लोन भी शामिल होंगे, जो इस स्कीम शर्तों और नियमों के अधीन हैं.
वित्तीय सेवा सचिव देवाशीष पांडा ने कहा कि हमने स्कीम के तहत कारोबारी मकसद के लिए डॉक्टर, वकील और चार्टर्ड एकाउंटेंट जैसे प्रोफेशनल्स को दिए लोन को भी कवर करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि कंपनियों के संबंध में भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि व्यवसाय चलाने वाले इन प्रोफेशनल्स के लोन मंजूर किए जा सकें.
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उन्होंने बताया कि स्कीम का फायदा ज्यादा से ज्यादा कंपनियां ले सकें, इसके लिए इस स्कीम के तहत एलिजिबिलिटी के लिए 29 फरवरी को बकाया लोन की मैक्सिमम लिमिट को 25 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने का फैसला किया गया है. पांडा ने बताया कि इस स्कीम के तहत गारंटी वाले इमरजेंसी क्रेडिट लाइन (जीईसीएल) की मैक्सिमम लिमिट भी मौजूदा पांच करोड़ रुपये से बढ़कर 10 करोड़ रुपये हो जाएगी.
यह स्कीम सरकार की तरफ से कोविड-19 के प्रकोप से निपटने के लिए अनाउंस किए गए 20.97 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एक हिस्सा है. यह स्कीम अब 250 करोड़ रुपये तक सालाना कारोबार वाली कंपनियों लागू होगा, जबकि अभी तक यह आंकड़ा 100 करोड़ रुपये था. पांडा ने कहा कि इस स्कीम के तहत छोटी कंपनियों को पर्याप्त संख्या में शामिल किया जा चुका है, इसलिए अब बड़ी कंपनियों को भी शामिल करने की तैयारी है.
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खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि इस स्कीम की कुल लिमिट तीन लाख करोड़ रुपये है और स्कीम की वैलिडिटी अक्टूबर 2020 तक है. उन्होंने बताया कि बैंकों ने किसानों को खरीफ बुवाई और संबंधित गतिविधियों में मदद के लिए लगभग 1.1 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) होल्डर के लगभग 90,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
10:39 PM IST